Hindi Summary of Virtually True Class 10th English Chapter 6.

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Virtually True Summary in hindi With PDF Download Of Virtually True Class 10th Hindi Summary

सारांश

कथावाचक एक किशोर है, जो एक टेªन में सपश्फर कर रहा है। उसका ध्यान एक लम्बी-चैड़ी महिला की ओर आक£षत होता है, जो उसवेफ सामने बैठी समाचारपत्रा पढ़ रही है। अखबार की सु£खयाँ एक चैदह वर्षीय लड़वेफ, स्बैसचियन शुल्ट्ज वेफ बारे में है। यह लड़का कोमा से बाहर आ गया जबकि उसवेफ डाॅक्टरों को इसकी कोई आशा नहीं थी। समाचारपत्रा ने यह भी बताया था कि स्बैसचियन एक मोटर दुर्घटना का शिकार था और होश में अभी तक नहीं आया था। उसकी माँ को आशा थी कि वह होश में आ जायेगा पर एक चमत्कार ही उसे बचा सकता था। कथावाचक स्बैसचियन की तस्वीर देखकर स्तम्भित रह जाता है, क्योंकि वह उसको जानने लग गया था। पर, अखबार का कहना था कि वह तो लगातार कोमा ;प्रगाढ़ बेहोशीद्ध में था। कथावाचक अत्यन्त उत्तेजित और चक्कर में था। उसको समझ ही नहीं आ रहा था कि ऐसा वैफसे हो सकता है।

यह सब एक मास पहले शरू हुआ जब उसने अपने पिता वेफ

साथ जाकर सबसे आध्ुनिक एक मनोवैज्ञानिक कम्प्यूटर गेम, लगभगक् दृ 56 छमू ॅंअम ब्वउउनदपबंजपअम म्दहसपेी दृ ग् सच ही वाली, मुँह की हेलमेट और दस्तानों वेफ साथ खरीदी। इसमें वुफछ खेल तो पुराने थे, पर कथावाचक को कोई अपफसोस नहीं हुआ। वह सबसे आध्ुनिक तकनीक वाला खेल खेलने वेफ लिए अति उत्सुक था। पहला खेल जो उसने शुरू किया उसका नाम ‘वाइल्ड वेस्ट’ था। यह खेल खेलते हुए उसे लगा कि वह भी खेल का एक पात्रा है और शैरिपफ का बैज उसकी कमीश पर लगा हुआ है। जैसे ही वह सैलून वेफ घूमते हुए द्वार से अन्दर घुसा उसने सबको उसे क्रोध्ति दृष्टि से देखते हुए पाया। उसने एक गिलास में लाल रंग का पेय पिया और एक शोर की ध्मावेफ की आवाश सुनकर तुरंत पलटा। द्वार पर काली आँखों वाला जेड खड़ा था और उसवेफ हाथ में सबसे शीघ्र चलने वाली बन्दूक थी। उसने कथावाचक, जो शेरिपफ डोब्शन था, से बाहर आने को कहा। कथावाचक ने गिलास पटका और बाहर गया। इस समय खेल ने एक आश्चर्यजनक अप्रत्याशित मोड़ ले लिया।

एक दूसरा शेरिपफ, पिछले द्वार से चिल्लाता हुआ और हाथ हिलाते हुए निकला। कथावाचक को समझ नहीं आया कि खेल किस ओर जा रहा है। दूसरे शेरिपफ ने कथावाचक को बाहर जाने से मना किया। कथावाचक ने ध्यान से देखा कि दूसरा शेरिपफ दूसरी कम्प्यूटर छवियों से भिन्न था। वह कथावाचक वेफ समान एक किशोर बालक था और दूसरी छवियों वेफ समान नहीं चल रहा था। उसने कथावाचक को अपने पीछे आने को कहा। वह एक गलियारे से तेशी से भागते हुए एक दूसरे द्वार द्वारा, और पिफर एक द्वार से निकल कर वापस सैलून में जा पहुँचे। दूसरा शेरिपफ एक खिड़की से वूफद गया और कथावाचक भी उसवेफ पीछे वूफदा। शेरिपफ एक घोड़े पर सवार था और कथावाचक उसवेफ पीछे बैठ गया। वहाँ और दूसरे घुड़सवार भी थे जो उनका पीछा कर रहे थे। एक बन्दूक की आवाज ने कथावाचक को चैंका दिया और उसे पता चला कि दूसरा शेरिपफ गिर पड़ा है। उसी वक्त चमकती हुई रोशनी हुई और ‘‘खेल खतम’’ लिखा हुआ आया। जैसे ही कथावाचक ने अपना हेलमेट उतारा, उसने टेª में एक कागश का पन्ना देखा। उसमें दूसरे शेरिपफ की तसवीर वेफ साथ एक संदेश था ‘‘मैं पँफस गया हूँ, मुझे निकालने में सहायता करो, डैªगन क्ुयैल्ट खेल खेलो।’’ µ स्बैसचियन शुल्ट्ज। दूसरे दिन सुबह, कथावाचक ने ष्ष्क्तंहवद फनमेजष्ष् खेल शुरू किया। उस खेल का लक्ष्य, एक सुनहरे बालों वाली राजवुफमारी औरोरा को एक दुष्ट डैªगन से बचाना था, और उस डैªगन का खशाना भी लूटना था। कथावाचक राजवुफमारी को बचाने ही वाला था, तभी स्बैसचियन की आवाश ने उसे पीछे से रोका, और पहले उसे बचाने को कहा। स्बैसचियन इस समय दूसरा नाईट था, उसने राजवुफमारी की सुनहरी चोटी को काटकर एक रस्सी बनाई और वूफद गया। कथावाचक भी वूफद गया। वे दोनों एक खुपिफया मार्ग से भागने लगे और डैªगन उनका पीछा करने लगा। वे एक तहखाने में घुस गये और तभी डैªगन अचानक उनवेफ सामने आ गया और उन पर वूफदा। डैªगन वेफवल स्बैसचियन की ओर लपका क्योंकि वही उसका निशाना था। इससे पहले कि कथावाचक उसकी सहायता वेफ लिए वुफछ करता, खेल समाप्त हो गया।

इस बार संदेश में लिखा था। µ ‘‘दूसरी बार श्यादा सपफलता नहीं मिली तो मुझे हमेशा वेफ लिए यहाँ रहना पड़ेगा। ‘जेलब्रेक’ खेल खेलो। शायद वह काम आये!’’

कथावाचक को जेलब्रेक खेल वेफ नियम पढ़ने की आवश्यकता नहीं थी। उसे मालूम था कि उसका लक्ष्य स्बैसचियन को बचाना है। उसवेफ जेल का साथी वैफदी नम्बर 02478 – शुल्ट्ज था। एक वंफकाल रूपी कार्ड की सहायता से, दोनों जेल की कोठरी से बाहर निकल आये परन्तु जेल वेफ सायरन और वुफत्ते उनका पीछा करने लगे। वे पहरेदारों से बचते हुए छत पर जा पहुँचे। जब स्बैसचियन हेलीकाॅप्टर का इंतशार कर रहा था, तब पहरेदार और वुफत्ते उनकी ओर लपकते हुए आ पहुँचे। इससे पहले कथावाचक वुफछ करता, स्बैसचियन ने एक कदम पीछे की ओर लिया और वह छत से गिर कर नीचे सीमेंट पर जा गिरा। खेल वहीं खत्म हो गया और कथावाचक को बड़ा ध्क्का लगा जब उसने देखा कि इस बार स्बैसचियन का कोई संदेश नहीं था। कथावाचक ने सब खेलों को बार-बार खेला पर उसे पिफर स्बैसचियन नहीं मिला। तब, एक दिन, एक संदेश उसने देखाµ

‘‘क्या हम एक आखिरी कोशिश करें? हेलिकाॅप्टर की अच्छी योजना नहीं थी। एक दुर्घटना होनी आवश्यक है। वाॅरशोन गेम खेलो। अगर यह असपफल हो जाती है तो मैं तुम्हे पिफर परेशान नहीं करूँगा। जय हो µ सेब

कथावाचक ने वाॅरशोन खेला। वह एक शहर में ऊँची इमारतों वेफ सामने खड़ा था। सब तरपश्फ मशीनगनंे चल रही थीं, बम पूफट रहे थे पर कथावाचक को यह मालूम था कि स्बैसचियन और स्वयं उसे हेलिकाॅप्टर वेफ पास सही सलामत पहुँचना था। वह दौड़कर अनध्विृफत भूमि पर पहुँचे और एक इंतशार करती हुई जीप को चलाने लगे। स्बैसचियन ने एक दम ब्रेक दबाई और जीप पूरी घूम गई। कथावाचक वूफद कर हैलीकाॅप्टर में बैठ गया परन्तु स्बैसचियन जीप से नहीं निकल पाया और जीप जाकर एक टैंक से टकराई। स्बैसचियन जीप से उछलकर हेलिकाॅप्टर वेफ सामने ध्मावेफ वेफ साथ गिर पड़ा। ध्ूल उड़ने वेफ कारण कथावाचक वुफछ भी देख न पाया और खेल खत्म हो गया। जब उसने अपना हेलमेट हटाया तो कथावाचक ने देखा कि उसने गेम जीत ली, और 40,000,000 अंक बनाये। कथावाचक सत्य की तह तक पहुँचना चाहता था। ट्रेन से उतर कर उसने नेट पर खोज की। उसे जो वह ढूँढ़ रहा था मिल गया। वास्तव में स्बैसचियन दुर्घटना वेफ समय अपने कम्प्यूटर पर एक मनोवैज्ञानिक गेम खेल रहा था। जिस समय दुर्घटना घटी, कम्प्यूटर ने स्बैसचियन की स्मरणशक्ति को डिस्क मे जमा कर लिया था। पर वह कथावाचक वेफ कम्प्यूटर में वैफसे आयी? यह समस्या भी तब हल हो गई, जब कथावाचक को पता चला कि अस्पताल से किसी ने स्बैसचियन वेफ खेल चुरा लिये और उन्हें बेच दिया और कथावाचक ने चोरी की हुई गेम खरीदी। एक और संदेश स्बैसचियन को मिला µ

‘‘प्रिय माइकल, ध्न्यवाद! मुझे नहीं मालूम यह वैफसे हुआ, परन्तु तुमने मेरी जान बचाई। हमें शीघ्र ही मिलना चाहिए, जय हो! सेब, तुम यह खेल अपने पास ही रखो, तुमने उन्हें मेहनत से कमाया है।’’स्पजमतंजनतम क् दृ 57 यह एक सच्चा और सीध संदेश स्बैसचियन से था। यह स्पष्ट है कि दुर्घटना को दुबारा से जीना एक अनोखा अद्भुत अनुभव था। कोई चमत्कारों वेफ विषय में क्या कह सकता है? पर क्या सत्य है और लगभग सच क्या है कोई भी पूरे विश्वास से नहीं बता सकता है। कथावाचक एक ऐसे अनुभव से गुशरा जो लगभग सच ही निकला।

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